पहचान का संकट पहचान का संकट
अब तो खतम राशन सारों, अब कैसे होवें गुजारो।। अब तो खतम राशन सारों, अब कैसे होवें गुजारो।।
तभी तो होता है प्रलय का आगाज काश कि गगन मुस्कुराता रहे तभी तो होता है प्रलय का आगाज काश कि गगन मुस्कुराता रहे
घरोंदे बन के ख़ुद में हमें पनाह देता तो कभी भूकम्प ज़लज़ले में विनाशकारी लीला रच लेता शिल्पी के हथौड़... घरोंदे बन के ख़ुद में हमें पनाह देता तो कभी भूकम्प ज़लज़ले में विनाशकारी लीला रच ल...
अन्यथा याद रखो प्रलय मुझमें ही रहता है कहीं। अन्यथा याद रखो प्रलय मुझमें ही रहता है कहीं।
और बड़े हुए तब पता चला कि हम इंसान ही कारण है इस प्रदूषण का इस विनाश का और बड़े हुए तब पता चला कि हम इंसान ही कारण है इस प्रदूषण का इस वि...